Monday, April 14, 2008

कोई दीवाना कहता है, कोई पागल समझता है !

कोई दीवाना कहता है, कोई पागल समझता है !

मगर धरती की बेचैनी को बस बादल समझता है !!

मैं तुझसे दूर कैसा हूँ , तू मुझसे दूर कैसी है !

ये तेरा दिल समझता है या मेरा दिल समझता है !!


मोहब्बत एक एहसासों की पावन सी कहानी है !

कभी कबीरा दीवाना था कभी मीरा दीवानी है !!

यहाँ सब लोग कहते हैं, मेरी आंखों में आँसू हैं !

जो तू समझे तो मोती है, जो ना समझे तो पानी है !!


समंदर पीर का है अन्दर, लेकिन रो नही सकता !

यह आँसू प्यार का मोती है, इसको खो नही सकता !!

मेरी चाहत को दुल्हन बना लेना, मगर सुन ले !

जो मेरा हो नही पाया, वो तेरा हो नही सकता !!


बहुत बिखरा, बहुत टूटा, थापेदे सह नही पाया !

हवाओं के इश्सरों पे मगर मैं बह नही पाया !!

अधूरा अनसुना ही रह गया यूं प्यार का किस्सा !

कभी तुम सुन नही पाए कभी मैं सुन नही पाया !!


भ्रमर कोई कुमुद्नी पे मचल बैठा तो हंगामा !

हमारे दिल में कोई ख़्वाब पल बैठा तो हंगामा !!

अभी तक डूब के सुनते थे सब किस्सा मोहबत का !

मैं किस्से को हक़ीकत में बदल बैठा तो हंगामा !!