Monday, January 14, 2008

banaa banaa ke tamannaa miTaa_ii jaatii hai

बना बना के तमन्ना मिटाइ जाती है


बना बना के तमन्ना मिटाई जाती है
तरह तरह से वफ़ा आज़माई जाती है

जब उन को मेरी मुहब्बत का ऐतबार नही.न
तो झुका झुका के नज़र क्यो मिलाई जाती है

हमारे दिल का पता वो हमे.न नही.न देते
हमारी चीज़ हमी.न से छुपाई जाती है

'शकील' दूरी-ए-मंजिल से ना-उम्मीद न हो
मंजिल आब आ ही जाती है आब आ ही जाती है

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