Sunday, January 13, 2008

bas ik jhijhak hai yahii haal-e-dil sunaane me.n

बस इक झिझक है यही हाल-ए-दिल सुनाने मी.न


बस इक झिझक है यही हाल-ए-दिल सुनाने मी.न
कि तेरा ज़िक्र भी आयेगा इस फ़साने मी.न

[झिझक=हेसिटेशन; ज़िक्र=मेंशन; फ़साना=टेल]

बरस पा.दी थी जो रुख से नकाब उठाने मी.न
वो चा.न्दनी है अभी तक मेरे गरीब-खाने मी.न

[रुख=फस; नकाब=वेल]

इसी मी.न इश्क की किस्मत बदल भी सकती थी
जो वक़्त बीत गया मुझ को आज़माने मी.न

य कह के टूट पा.दा शाख-ए-गुल से आखिरी फूल
आब और देर है कितनी बहार आने मी.न

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