Sunday, January 13, 2008

dekh lo Khvaab magar Khvaab kaa charchaa na karo

देख लो ख्वाब मगर ख्वाब का चर्चा न करो



देख लो ख्वाब मगर ख्वाब का चर्चा न करो
लोग जल जायेंगे सूरज की तमन्ना न करो

वक़्त का क्या है किसी पल भी बदल सकता है
हो सके तुम से तो तुम मुझ पे भरोसा न करो

किर्चिया.न टूटे हुए अक्स की चुभ जायेंगी
और कुछ रोज़ अभी आ_ईना देखा न करो


अजनबी लगाने लगे खुद तुम्हे.न अपना ही वजूद
अपने दिन रात को इतना भी अकेला न करो

ख्वाब बच्चो.न के खिलौनों.न की तरह होते है.न
ख्वाब देखा न करो ख्वाब दिखाया न करो

बे-खयाली मी.न कभी उ.न्गालिया.न जल जायेंगी
राख गुज़रे हुए लम्हों.न की कुरेदा न करो

मोम के रिश्ते है.न गरमी से पिघल जायेंगे
धूप के शहर मी.न "आज़र य तमाशा न करो

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