कैसे कह दूँ की मुलाक़ात नहीं होती है
कैसे कह दूँ की मुलाक़ात नहीं होती है
रोज़ मिलते हैं मगर बाट नहीं होती है
आप लिल्लाह न देखा करें आईना कभी
दिल का आ जाना बड़ी बाट नहीं होती है
छुप के रोता हू.न तेरी याद में दुनिया भर से
कब मेरी आँख से बरसात नहीं होती है
हाल-ए-दिल पूछने वाले तेरी दुनिया में कभी
दिन टू होता है मगर रात नहीं होती है
जब भी मिलते हैं टू कहते हैं कैसे हो "शकील"
इस से आगे टू कोई बाट नहीं होती है
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