Tuesday, February 12, 2008

aaNkh se aaNkh milaataa hai koii

आँख से आँख मिलाता है कोई
दिल को खींचे लिए जाता है कोई

वा-ए-हैरत के भारी महफ़िल में
मुझ को तनहा नज़र आता है कोई

चाहिए खुद पे यकीन-ए-कामिल
हौसला किस का बढाता है कोई

सब करिश्मात-ए-तसव्वुर है "शकील"
वरना आता है न जाता है कोई

No comments: