हम दुआ लिखते रहे वो दगा पड़ते रहे
झूम के जब रिन्दों ने पिला दीशेख ने चुपके चुपके दुआ दी
एक कमी थी ताज महल मेंहमने तेरी तस्वीर लगा दी
आप ने झूठा वादा कर केआज हमारी उम्र बड़ा दी
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