Wednesday, February 6, 2008

un aaNkhon kaa aalam gulaabii gulaabii

उन आंखों का आलम गुलाबी गुलाबी


उन आंखों का आलम गुलाबी गुलाबी
मेरे दिल का आलम शराबी शराबी

निगाहों ने देखी मुहब्बत ने मानी
तेरी बेमिसाली तेरी लाजवाबी

य दूद-दीदा नज़रें य रफ़्तार-ए-नाज़ुक
इन्हीं की बदौलत हुई है खराबी

खुदा के लिए अपनी नज़रों को रोको
तमन्ना बनी जा रही है जवाबी

है "बेह्ज़द" उनकी निगाह-ए-करम पर
मेरी ना-मुरादी मेरी कामयाबी

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