Wednesday, February 6, 2008

tumhaare bulaane ko jii chaahataa hai

तुम्हारे बुलाने को जी चाहता है


तुम्हारे बुलाने को जी चाहता है
मुक़द्दर बनाने को जी चाहता है

जो तुम आओ तो साथ खुशियाँ भी आयें
मेरा मुस्कुराने को जी चाहता है

तुम्हारी मुहब्बत में खोयी हुई हूँ
तुम्हे.न य सुनाने को जी चाहता है

य जी चाहता है कि तुम्हारी भी सुन लूँ
खुद अपनी सुनाने को जी चाहता है

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