तुम्हारे बुलाने को जी चाहता है
तुम्हारे बुलाने को जी चाहता है
मुक़द्दर बनाने को जी चाहता है
जो तुम आओ तो साथ खुशियाँ भी आयें
मेरा मुस्कुराने को जी चाहता है
तुम्हारी मुहब्बत में खोयी हुई हूँ
तुम्हे.न य सुनाने को जी चाहता है
खुद अपनी सुनाने को जी चाहता है
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