Wednesday, February 6, 2008

haNs ke bolaa karo bulaayaa karo

हंस के बोला करो बुलाया करो

हंस के बोला करो बुलाया करो
आप का घर है आया जाया करो

मुस्कराहट है हुस्न का जेवर
रूप बढ़ता है मुस्कुराया करो

हद से बाद कर हसीं लगते हो
झूठी क़समें ज़रूर खाया करो

हुक्म करना भी एक सखावत है
हम को खिदमत कोई बताया करो

बात करना भी बादशाहत है
बात करना न भूल जाया करो

ता के दुनिया की दिलकशी न घटे
नित नए पैरहण में आया करो

कितने सादा मिजाज हो तुम 'आदम'
उस गली में बहुत न जाया करो

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